मौद्रिक नीति ( Monetary Policy )
v मौद्रिक नीति ( Monetary Policy )
R.B.I द्वारा अर्थव्यवस्था में
मुद्रा की मांग व प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए जारी की जाने वाली नीति को
मौद्रिक नीति कहते है
मौद्रिक नीति वर्ष में 6
बार / प्रति दो माह बाद बदलती रहती है |
मौद्रिक नीति समिति
मौद्रिक नीति समिति की स्थापना -2016
6 सदस्य समिति – 3 सदस्य R.B.I के – (1) R.B.I गवर्नर ( 2 ) R.B.I Dupty गवर्नर ( 3 ) R.B.I Economics Advisor
3 सदस्य भारत सरकार के
मौद्रिक नीति का अध्यक्ष
– R.B.I. गवर्नर
मौद्रिक नीति की सहमति –
बहुमत आधार पर किया जाता है |
NOTE – मत बराबर होने की अवस्था में R.B.I गवर्नर का मत निर्णायक
होता है |
मौद्रिक नीति के प्रकार ( Type of Monetary Policy )
(1)
विस्तारवादी
मौद्रिक नीति या सस्ती मौद्रिक नीति ( cheep Monitory Policy )
जब आर.बी. आई द्वारा
ब्याज दरों में कमी करके अर्थव्यवस्था में मुद्रा की मात्रा को बढाया जाता है |
(2)
संकुचनवादी
मौद्रिक नीति या महँगी मौद्रिक नीति ( Dear Monitory Policy )
जब आर.बी. आई द्वारा
ब्याज दरों में बढा करके अर्थव्यवस्था में मुद्रा की मात्रा को घटाया जाता है |
मौद्रिक नीति
1.
मात्रात्मक उपाय
1.
सी . आर . आर .
2.
एस . एल . आर .
3.
रेपो रेट
4.
रिवर्स रेपो रेट
5.
बैंक रेट
2.
गुणात्मक उपाय
1.
साख कोटा निर्धारण
2.
साख विनिमयन
3.
सीमान्त आवश्यकताओ का
निर्धारण
4.
नैतिक दबाब
5.
प्रत्यक्ष कार्यवाही
नगद आरक्षित
अनुपात ( C.R.R Cash Reserve Ratio )
बैंक जमा का वह हिस्सा जिसे बैंक द्वारा आर .
बी . आई . के पास जमा करना होता है |
C.R.R में वृद्धि |
C.R.R में कमी |
मुद्रा के प्रवाह में कमी/मुद्रा की तरलता
में कमी |
मुद्रा के प्रवाह में वृद्धि/ मुद्रा की
तरलता में वृद्धि |
माँग में कमी |
माँग में वृद्धि |
मुद्रास्फीति ( मंहगाई ) में कमी |
निवेश में वृद्धि ( मुद्रास्फीति में वृद्धि ) |
Examples-
C.R.R मान |
मुद्रा के प्रवाह / मुद्रा की तरलता |
5 % |
95 % |
4 % |
96 % |
3 % |
97 % |
Note – वर्तमान में C.R.R का मूल्य 4 % है |
साविधिक तरलता अनुपात ( S.L.R Statutory Liquidity Ratio )
बैंक जमा का वह हिस्सा
जिसे बैंक द्वारा ऋण के रूप में प्रदान नहीं किया जाकर अपने पास रखा जाता है |
S.L.R में वृद्धि |
S.LR. में कमी
|
मुद्रा के
प्रवाह में कमी/मुद्रा की तरलता में कमी |
मुद्रा के
प्रवाह में वृद्धि/ मुद्रा की तरलता में वृद्धि |
माँग में
कमी |
माँग में
वृद्धि |
मुद्रास्फीति
( मंहगाई ) में कमी |
निवेश में
वृद्धि ( मुद्रास्फीति में वृद्धि ) |
Examples –
S.L.R मान |
मुद्रा के प्रवाह / मुद्रा की तरलता |
4 % ( C.R.R Value )+ 19 % |
77 % |
4 % ( C.R.R Value )+ + 18 % |
78 % |
4 % ( C.R.R Value )+ + 17 % |
79 % |
Note – वर्तमान में S.L.R का मूल्य 18 % है |
Note- अर्थव्यवस्था
में मुद्रास्फीति नियंत्रण हेतु सी .आर .आर. के वृद्धि
निवेश
को बढाने हेतु - सी .आर .आर. के वृद्धि
में कमी
सीमान्त
स्थायित्व सुविधा (MSF-Marginal Standing Facility )
आर. बी. आई . बैंक को
उपलब्ध कराई जाने वाली अति अल्पकालीन ( 1 दिन ) ऋण सुविधा जो की बैंक की शुद्ध
मांग जमा का 1 % हिस्सा होता है |
MSF की दर हमेशा बैंक रेट
के बराबर होती है |
तरलता समायोजन सुविधा
आर .बी. आई . द्वारा बैंक
को तरलता संतुलन के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधा
रेपो रेट ( Repo Rate ) – आर . बी . आई . बैंकों को उनकी प्रतिभूति के बदले जिस दर
पर अल्पकालीन उधार उपलब्ध कराया जाता है रेपो रेट कहलाती है जो की 4 % है
रेपो रेट बढना |
रेपो रेट का घटना |
ब्याज दरों में वृद्धि |
ब्याज दर में कमी |
मुद्रा के प्रवाह में कमी |
मुद्रा के प्रवाह में वृद्धि |
माँग में कमी |
माँग में वृद्धि |
मुद्रास्फीति में कमी |
मुद्रास्फीति में वृद्धि / निवेश में वृद्धि |
रिवर्स रेपो रेट ( Reverse Repo Rate )
बैंक द्वारा जिस दर पर आर . बी. आई . को
अल्पकालीन उदार प्रदान किया जाता है उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है जोकि 3.35 %
है
रिवर्स रेपो रेट , रेपो
रेट से कम होती है |
रिवर्स रेपो रेट बढना |
रिवर्स
रेपो रेट का घटना |
बैंकों को ब्याज अधिकतम |
बैंकों को ब्याज न्यूनतम |
मुद्रा के प्रवाह/ तरलता में कमी |
मुद्रा के प्रवाह/ तरलता में वृद्धि |
माँग में कमी |
माँग में वृद्धि |
मुद्रास्फीति में कमी |
मुद्रास्फीति में वृद्धि / निवेश में वृद्धि |
बैंक दर ( Bank Rate ) – जिस दर पर आर. बी.
आई . द्वरा बैंकों को दीर्घकालीन उधार प्रदान किया जाता है , बैंक दर कहलाती है |
वर्तमान में बैंक दर का
मान 4.25 % है |
बैंक दर का बढना |
बैंक
दर का घटना |
ब्याज दरों में वृद्धि |
ब्याज
दरों में वृद्धि में कमी |
मुद्रा के प्रवाह/ तरलता में कमी |
मुद्रा के प्रवाह/ तरलता में वृद्धि |
माँग में कमी |
माँग में वृद्धि |
मुद्रास्फीति में कमी |
मुद्रास्फीति में वृद्धि / निवेश में वृद्धि |
गुणात्मक
उपाय
1.
साख कोटा
निर्धारण ( Credit Rationing )
इसके तहत आर.बी . आई . द्वारा बैंकों को अपनी उधार का 40 %
हिस्सा पी . एस . एल के रूप में देने की सिफारिश की गई
पी . एस . एल –
1.
कृषि व् कृषि से
सम्बद्ध क्षेत्र
2.
एम् . एस. एम् .
ई
3.
शिक्षा ,
स्वास्थ्य , निर्यात , स्टार्टअप
2.
सीमान्त
आवश्यकता का निर्धारण ( Marginal Requirment )
इस व्यवस्था के तहत
बैंकों द्वारा गिरवी रखी गई वस्तुओ पर उपलब्ध कराए जाने वाले ऋणों की एक सीमा
निर्धारित की जाती है |
3.
नैतिक दबाब
4. प्रत्यक्ष कार्यवाही
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