शिशुनाग वंश (412 BC-344 BC) | History | Study Panal

 

शिशुनाग वंश (412 BC-344 BC)



शिशुनाग

कार्यकाल (412 BC -394 BC )

·       हर्यंक वंश के अंतिम राजा नागादशक की हत्या इसी के आमात्य ( मत्री ) शिशुनाग ने कर नए वंश शिशुनाग वंश की स्थापना की |

·       शिशुनाग ने अवन्ती / वत्स को राज्य में मिलाया |

·       वज्जियो पर नियंत्रण करने हेतु पाटलिपुत्र के साथ वैशाली को भी राजधानी बनाया |

·       मगध साम्राज्य विस्तारित ( बंगाल से मालवा )

कालाशोक

v कार्यकाल (394 BC -366 BC) |

v बौद्ध ग्रंथो में इसे कालाशोक व् पुरानो में काकवर्ण कहा गया है |

v इसने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र बनाया |

v 383 BC में वैशाली में द्वितीय बौद्ध महासंगीती हुयी जिसकी अध्यक्षता सबकगीर ने की |

v शिशुनाग वंश का अंतिम शासक नन्दिवर्धन था |

नन्द वंश

Ø नन्द वंश के संस्थापक महापद्यनन्द थे |

Ø पुराणों के अनुसार महापद्यनन्द शुद्र वर्ण से सम्बंथिक था |

Ø महापद्यनन्द ने सर्वक्षत्रान्तक की उपाधि प्राप्त की थी जिसका अर्थ होता है क्षत्रियो का नाश करने वाला और अन्य उपाधियाँ एकराट सम्राट एकछत्र की उपाधि धारण की |

Ø नन्द वंश का अंतिम शासक धनानंद था जो यूनान के राजा सिकंदर का समकालीन था |

Ø धनानंद को विष्णुगुप्त ( कोटिल्य/चाणक्य ) की सहायता से 322
BC में चन्द्रगुप्त मौर्य ने पराजीत किया |

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