What is Discipline ? || अनुसाशन क्या है || Understanding discipline and School subject- 105 B.ed Paper
अनुसाशन का अर्थ
अनुशासन के शाब्दिक अर्थ का यदि हम विश्लेषण करें तो यह कह सकते हैं कि अनुशासन Discipline' का हिन्दी रूपान्तरण है तो डिसिपिलिन लैटिन भाषा के डिसाइपुलस (Discipulus) शब्द से लिया गया है जिसका हिन्दी में अर्थ है सीखना या आज्ञापालन (To Learn or Obedience) अतः अनुशासन से अभिप्राय होता है नियमों की सीमाओं में कार्य करना। इस कारण कुछ शिक्षाविद मानते हैं कि नियमों का पालन ही अनुशासन है। कुछ शिक्षाविद् यह मानते हैं कि
अनुशासन जो अंग्रेजी में Discipline कहा जाता है, अंग्रेजी भाषा के डिसाइपिल से उत्पन्न हुआ है और डिसाइपिल का अर्थ है शिष्य। इसके पीछे धारणा यह है कि शिष्य प्राचीन काल से गुरु द्वारा निर्धारित नियमों, कानूनों तथा परम्पराओं का अनुपालन करता था और उसके उपदेशों को स्वीकार कर नम्रतापूर्वक जीवन व्यतीत करता था, वहीं अनुशासन कहा जाता था
विभिन्न विचारकों ने अनुशासन की अवधारणा के में अपने विचार अभिव्यक्त किये हैं जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं-
1. टी. पी. नन के अनुसार, "अपने संवेगों तथा शक्तियों को उस नियम के अधीन करना अनुशासन है जो अराजकता को व्यवस्था प्रदान करता है व वहाँ कुशलता एवं मितव्ययिता उत्पन्न करता है जहाँ उसके बिना अकुशलता एवं अपव्यय होता है।"(According to T. P. Nunn, “Discipline consists of in the submission of one's impulses and powers to regulation which imposes form upon chaus and brings efficiency and economy where there would otherwise be ineffectiveness and waste.")
2. डब्ल्यू. एम. रायबर्न के अनुसार, "सच्चा अनुशासन स्वीकारात्मक एवं रचनात्मक होना चाहिए, नकारात्मक या विनाशकारी नहीं। इसके द्वारा निर्माण होना चाहिए,तोड़-फोड़ नहीं। संवेगात्मक नियन्त्रण का लक्ष्य चरित्र निर्माण है और चरित्र निर्माण रचनात्मक प्रक्रिया है। इसकी वांछित आवश्यकताएँ दमन और शक्ति नहीं बल्कि अभिव्यक्ति और विवेकपूर्ण उदात्तीकरण हैं।"
(According to W. M. Ryburn, "True discipline should be mainly positive and constructive rather than negative and destructive. It must be creative. It should build up rather than tear down. The goal of emotional control is character building and character building is a constructive process.The desirable requisites are not repression and force but expression and wise sublimation.")
Thanks for visit on studypanal.blogspot.com